- गांव में गंदगी का अंबार लगाने से ग्रामीणों में आक्रोश
- प्रधान व सचिव ने विकास की धनराशि में बंदरबांट किया
- ग्रामीणों ने लगाया लाखों रुपए गबन करने का आरोप गांव का विकास अधूरा पड़ा
शिवम सिंह, संवाददाता
जसपुरा/बांदा। प्रदेश की योगी सरकार चाहे जितने दावे करें कि उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार पूरी तरह से खत्म हो गया है और भ्रष्टाचारियों पर निरंतर कार्रवाई की जा रही है लेकिन जसपुरा विकास खंड का ग्राम पंचायत कानाखेड़ा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है जहां पर ग्राम प्रधान विंद्रेश कुमार गांव में कभी भी साफ सफाई नहीं करवाते हैं गांव में गंदगी का अंबार लगा और सचिव जो ग्राम पंचायत में नहीं जाते हैं। जो जसपुरा ब्लॉक छोड़ना ही नहीं चाहते हैं। जिनका कुछ दिनों पहले ट्रांसफर भी हो गया था लेकिन पैसे के दम पर ट्रांसफर भी रुक गया गांव का विकास कार्य अधूरा पड़ा है।
वही गांव के लोगों ने बताया कि गांव मे प्रधान और सचिव ने मिलकर आने वाली सरकारी योजनाओं का पैसा बंदरबांट कर लिया है गांव में लाइट नहीं लगाए गए गांव में शौचालय के नाम पर 2000 की मांग और आवास के नाम पर 20000 की मांग प्रधान व सचिव द्वारा की जाती है। जब पूरे मामले की जानकारी ग्राम प्रधान विंद्रेश कुमार ली गई तो उन्होंने बताया कि गांव में सफाई कई दिनों से नहीं हुई है और सचिव साहब जो पहले थे वह बदल चुके हैं अब दूसरे हैं वह नहीं आते हैं जो सुलभ शौचालय है वह मानक के हिसाब से अभी नहीं बना है।
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